Monday, August 30, 2010

टूटे तारों ने तो किस्मतों को सवाँरा है .......रानीविशाल














कैसा मंज़र है, ये क्या गज़ब नज़ारा है
दर्द का दरिया, और दिल गमों का मारा है

इतने तनहा है की, परछाइयों से डरते है
अब तो बस दिल को, अंधेरों का ही सहारा है

ठोकरें खा कर, ज़माने की ना घायल हम है
वो तो अपने थे, जिनके बोलो ने हमको मारा है

महफ़िल में अपनो की, तो हरदम रुसवाई मिली
साथ गैरो का ही, अब तो दिल को प्यारा है

टूट कर बिखरे भी, 'रानी' तो क्या ग़म है
टूटे तारों ने, तो किस्मतों को सवाँरा है

Friday, August 20, 2010

मेरे भैया .....रानीविशाल

आज जब देश के हर घर में बहनें भाइयों की कलाई पर अपने प्यार और विश्वास को रेशम के खुबसूरत धागे में संजो कर बाँध रही हैं और भाई भी पुरे आत्मप्रेम और निष्ठा के साथ आस्था के इस अटूट बंधन को अपनी कलाइयों पर सजा कर अभिभूत हो रहे हैं.....वहीँ कुछ और हम जैसे भाई बहन भी है जो आज के दिन भी दूर हैं लेकिन हम सभी जानते हैं की यह दूरी सिर्फ भौगोलिक दूरी ही हैं।
भावनाएँ कभी दूरियों की मोहताज नहीं रही ...फिर भी आज के दिन जब इस दूरी का ख्याल मन में आया तो मन द्रवित हो गया ......आँखों से बहते प्रेम के साथ जो भाव बहने लगे उन्होंने कविता का रूप लिया .....

आज होगी सुनी तुम्हारी कलाई
जब यह याद मुझे आई
दिल को जाने क्या हुआ
मेरी आँख भर आई
दिल से निकली ये दुआ
चाहे दूर रहो तुम
या मेरे पास रहो
जहाँ भी रहो न उदास रहो
चाँद तारों सी रोशन हो दुनिया तुम्हारी
वो मंज़िल मिले जो तुमको हो प्यारी
न संघर्ष मिले, ना आए मुश्किलें
तरसे सफलता तुम्हारे लिए ....
ये उम्मीदों की डोर
जनम का बंधन हैं
जिसका मोल न कोई
गहना, साड़ी या कंगन हैं
याद तो तुम्हे भी आरहे होंगे
दिन वो सुहाने
ढेरों शरारते और बीसों बहने
वो हँसना, वो रोना, वो झगड़ा पुराना
जो मेरे आँसू बहे तो कोहराम मचाना
ओ भैया मेरे तुम हो
ज़माने भर की खुशियों से प्यारें
सदा जगमगाते रहें मेरे आँखों के तारे ....


चलते चलते इस पवित्र प्रेम को बखूबी बयां करता यह गीत जो हमेशा से मैं अपने तीनो भैया को याद कर गुनगुनाया करती हूँ .....सच कहूँ तो मैं क्या दुनिया की सभी बहने अपने भाइयों के लिए यही सोचती हैं ।

आप सभी को रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाए !!



Thursday, August 19, 2010

बूढी पथराई आँखें .....रानीविशाल




















बूढी
पथराई आँखें
एक टक त़कती
सूनी राहों को
जहाँ फैला है
सूनापन
इनकी खाली
जिंदगी
सा
ये सूनापन ये तन्हाई
अब गैर नहीं
रोज़ मिल जाया करती है
वृद्धाश्रय के
गलियारों
में
जहाँ ये आँखें
ढूँढती रहती है
बीते समय के निशान
यहाँ खो गए
सब रिश्ते नाते
रुखी, सल पड़ी
चमड़ी
से खोई
नमी
जिस तरह

हो चुकी है अब
शिथिल भावनाएँ
जू हुई जाती है शिथिल
चेतना तन की
फिर भी अक्सर
जतन से
जाकर कई बार
खिड़की के पास
ये बूढी पथराई आँखें
घंटों एक टक
तका करती है
इन सूनी राहों को
की बी
इन राहों पर
आता हुआ कभी कोई
अपना भी दिखे
अक्सर यूँही
ये
बूढी पथराई आँखे....
तकती रहती है
इन सूनी राहों को....!!

Monday, August 16, 2010

एक चहरे पर कई चहरे { रानीविशाल }






















एक
चहरे पर कई चहरे लगाए रखते है लोग
सच्चाई को कितने पर्दों में छुपाए रखते है लोग

लबों पर नाम है जिनका उन्ही से शिकवे हज़ार है
यूही नफ़रत को दिलों में दबाए रखते है लोग

फ़र्ज़ से अपने ही खुद मुह मोड़ कर बैठे रहते है
वफ़ा की उम्मीदे सभी से लगाए रखते लोग

उनके रुतबे ओ शान का बस ध्यान हो सदा
कमज़ोर को हर जगह सताए रखते है लोग

इस ज़िन्दगी में "रानी" दिए लोगो ने बहुत ज़ख्म
यादों में फिर भी अक्सर जगह बनाए रखते है लोग

यूँ बदली है दुनिया( रानीविशाल)

खामोशी भी
सरगम गाए
करे तन्हाई अब
चहल पहल
पंख हजारों मिले
सपनों को
अरमानो ने
भरी उड़ान
खिले मन की
बगीया में
कई फूल
अचानक
उमंगों के भँवरें
गुन गुनाए
तन मन
महक उठा
चन्दन सा
बरखा
भी गीत
ख़ुशी के गाए
इन्द्रधनुष से
रंग सजे और
खुद मैं ही सहसा
बनी बहार
बस दो पल मैं
यूँ बदली है
दुनिया
हुई है जबसे
आँखें चार...!!
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आज आपको केलिफोर्निया के कुछ सिनिक ड्राईवस के चित्र दिखा रही हूँ । ये पॉइंट्स लॉस एंजेलिस से सेन डिएगो तथा लॉस एंजेलिस से सेन फ्रांसिस्को जाते हुए आते है । इनमे सी ए १ , हाफ मून , और १७ माईल्स प्रमुख है । हर एक पॉइंट आपने आप में बहुत खुबसूरत है । प्राकृतिक सुन्दरता से संपन्न ये स्थान रुकने को मजबूर करते है ....देखिये




























































Friday, August 13, 2010

चलो ऐसा हिन्दुस्तान बनाए........... और एक वीडियो












ये
वक्त नया है
नया साज़ ले
सब मिलकर
नई एक तान बनाए
नफ़रत का हो अब
नाश सदा को
स्वर अमन के
हरसू छा जाएं
नए जोश से
बढकर आगे
हम अपनी मंज़िल को पाएँ
अन्न मिले
भूखे पेटों को
और नन्हे हाथ कलम उठाए
अज्ञान मिटे
सब भ्रम भी हटे
घर घर तक सब तकनीके जाएं
जहाँ प्रेम धर्म हो
प्रेम ही जाती
चलो ऐसा हिन्दुस्तान बनाए
आओं ऐसा हिन्दुस्तान बनाए !!

जय हिंद

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{देखा मम्मी ....आपने }

आदरणीय ताउजी और गिरीश भाईसाहब के आग्रह पर अनुष्का की वर्तमान शरारतों से आपका परिचय करने के लिए ये वीडियो दिखा रही हूँ । यह लॉस एंजिलिस में हमरे होटल के पास ही चल रहे समर केम्प का है । जहाँ जाकर अनुष्का की मस्ती और भी परवान चढ़ गई है ।

Thursday, August 12, 2010

एक कविता और कुछ नए द्रश्य

उलझती जाती है
हर बात
उन यादों के
जंजाल में जैसे
जिन यादों को
बातों की ज़रूरत ही नहीं

दोगे हर दोष
मुझ पर ही तो तुम
भूल जाओगे
मेरे उस हाल
उन हालत को सभी

न सोचोगे खुद
क्या किया तुमने
अपनी गलतियों को
तुम दिल
से भुला दोंगे

हाँ ये गिला है
मेरा की
मैंने समझा
मैं भी इंसान हूँ
सांस लेने का
हक़ है
मुझको भी

ना जाना था कभी
की तुम तो
मुझे बेजान समझते हो

तुम्हारी हर
बेरुखी पर भी
कर के बस
वफ़ाएँ तुमसे
न सोचा था
कभी की
मिलेंगी
इस कदर
रुसवाईयाँ हमको !!

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केलिफोर्निया अमेरिका का बहुत ही बड़ा बड़ी आबादी वाला खुबसूरत राज्य है । इसी राज्य की लॉस एंजेलिस काउंटी में हालीवूड है । केलिफोर्निया के एक और बहुत ही बड़ा रेगिस्तान , एक और समुद्र और दूसरी और विशाल पहाड़ियां यहाँ की खूबसूरती में चार चाँद लगाती है । यहाँ का मौसम सोने पर सुहागा ........ हमेशा ही ख़ुशनुमा होता है । लॉस एंजेलिस में बहुत ही खुबसूरत और साफ सुथरे बीचेस है । जिनमे रोडेंनडो बिच, मैनहटन बीच, लोंग बीच, हरमोसा बीच और संता मोनिका बीच इत्यादि है । जहाँ सी शोर के मज़े लेने के साथ साथ और भी बहुत कुछ है करने को जैसे कायक, नोर्मल और पवार बोट्स रेंट पर ली जा सकती है ।। गाईडेड बोट टूर लिए जासकते है जिनमे व्हेल वाचिंग और अंडर वाटर फिश वाचिंग प्रमुख है पेराग्लईडिंग , फिशिंग और शोपिंग के साथ साथ बोर्डवाक और राईडस भी बहुत बड़ा फन है यहाँ करने को .....रोडेंनडो बिच की खासियत यही है की यह नोर्मल बिचेस की तरह सेंड बिच नहीं है मानव निर्मित राक्स की बोर्डर से इसका बड़ा किनारा बनाया गया है बोर्ड वाक तो सुन्दर है ही फिशिंग के लिए यहाँ बहुत लोग आते है । यहाँ सील बहुत आसानी से दिखाई देते है । हमने भी यहाँ का एक गाईडेड बोट टूर लिया था जिसमे बोट के ऊपर से तो आप बे एरिया और दूर तक निहार सकते है साथ ही साथ बोट के निचले भाग में जाकर कांच की दीवारों से दोनों और सुन्दर मछलियाँ देख सकते है ...मतलब लाइव एक्वेरियम का आनंद है । साथ ही साथ बोर्ड वाक का अपना मज़ा है । यहाँ हर जगह ढेर सारे पाम के वृक्ष दिखाई देते है ....जो इसे और सुन्दर बना रहे है ।
यह कुछ चित्र है रोडेंनडो बिच और संता मोनिका बीच की खुबसूरत शाम के :





























Wednesday, August 11, 2010

घर आए फिर परदेसी .....{वापसी}

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार .......लगभग चार महीनो के अवकाश के बाद मैं आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ।
पिछले सभी दिनों की ढ़ेर सारी बातें लेकर जिस तरह कविताएँ लिखना एक नशा है उसी तरह ब्लॉगिंग भी बड़ी लत है इससे मज़बूरीवश दूर हुआ जसका है मगर इसे छोड़ना मेरे बस की बात नहीं वो भी जब , जहाँ मुझे आप सभी का इतना प्यार और प्रोत्साहन मीलता है ।
इन दिनों जाब मैं ब्लोगिंग से दूर रही लगभग सभी साथियों ने समय समय पर मुझे याद किया अपनी चिंता और प्यार जताया उसके लिए मैं ह्रदय से आप सभी की आभारी हूँ और दिल से दुआ करती हूँ की आपका प्यार इसी तरह बना रहे ।
अब हुआ यूँ कि मार्च महीने मैं न्यू यार्क से न्यू जर्सी शिफ्ट होने के बाद अनुष्का (ईवा) बहुत अस्वस्थ हो गई ....तक़रीबन दो महीनो में उसका स्वस्थ्य संभला और यहाँ बहुत ही सुहाना मौसम शुरू हो गया फिर क्या था ......हर साल कि तरह इस बार भी हम समर में फिर पर्यटक बन गए और प्रकृति की सुन्दरता को अपनी आँखों के माध्यम से ह्रदय में बसाने निकल पड़े । सच्चे मायनों में टूरिस्ट का लाइफ स्टाइल भी खानाबदोश की तरह ही होता है । उसी जीवन के अनुभव में अपने ही ब्लॉग तक पहुचने का समय न जुटा पाई .......अन्य ब्लॉग पर तो न जाने कितना कुछ मिस कर दिया मैंने.... पिछले दो महीनो में बहुत सुन्दर जगहों पर जाने का मौका मिला तभी से सोच रही थी की इतना सब कुछ है अपने ब्लोगर साथियों से बाटने को, सुन्दर द्रश्यों को निहार कर जो ख़ुशी हो रही थी अकेले सही नही जारही थी आपको बहुत कुछ बताना तो था ही लेकिन अब जाकर कुछ समय भी मिला और खलबली तो दिल में तब हुई जब मैं लोस एंजेलिस में बने डीज़नी लैंड में एक दिन बॉलीवुड म्यूजिक परफोर्मेंस देख रही थी .....हिंदी फिल्मो के गानों पर धिरकते विदेशी कदमो और उसे देख झूम कर तालियाँ बजाते हाथों को देख दिल ख़ुशी से भर आया बहुत गर्व भी महसूस हुआ ....मन मैं आया की सबको बताऊ बदलते समय के इस दौर मैं भारत के संगीत ने किस तरीके से विश्व को आकर्षित किया है ..... तभी मुझे याद आई अपने ब्लॉग की बस समय ही तो जुटाने की जरुरत है तो क्यों न मैं अपनी आँखों से आप सभी को वो सारे मंज़र दिखाऊ जिन्हें देख कर मेरा मन प्रफुल्लित हो जाता है ।






















फिलहाल इतना ही कुछ और सचित्र अनुभवों के साथ मिलूंगी अगली पोस्ट में
धन्यवाद !!