Sunday, March 13, 2011

क्या नाम दें?

अहसासों का इक बंधन
जहाँ बिन बोले ही
सुनाता है  मन ....
न नज़र मिले,न ख़बर मगर
दिल का दर्द
समझ में आता है
दुःख में दुःख
खुशियों से खुशियाँ
मुश्किल में मन घबराता है 

न कहे कभी
पर दिल के गीले
शब्द सुनाई देते है
मिले नहीं पर रूह के
रूखे ज़ख्म
दिखाई देते है
तन्हाई के
चुभते पलों में
मन में मख़मल सा 
अहसास लगे 
दुरी मीलों की फिर भी 
हर पल दिल को 
दिल के पास लगे ...

इस रिश्ते का
कोई नाम नहीं
मगर दुआओं का 
हिस्सा-नाता है
भला- बुरा
सब सच्चा लगे
जब कोई मन से
मन को भाता है 


अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें ....
मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है 
क्या नाम दें ??

33 comments:

इस्मत ज़ैदी said...

न कहे कभी
पर दिल के गीले
शब्द सुनाई देते है
मिले नहीं पर रूह के
रूखे ज़ख्म
दिखाई देते है
तन्हाई के
चुभते पलों में
मन में मख़मल सा अहसास लगे दुरी मीलों की फिर भी हर पल दिल को दिल के पास लगे ...
इस रिश्ते का
कोई नाम नहीं
मगर दुआओं का
हिस्सा-नाता है
भला- बुरा
सब सच्चा लगे
जब कोई मन से
मन को भाता है

बहुत नाज़ुक एहसास की खूबसूरत प्रस्तुति

वन्दना अवस्थी दुबे said...

अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें ....
मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है
क्या नाम दें ?
बेहतर है, कि कोई नाम न दें. बहुत सुन्दर कविता.

ताऊ रामपुरिया said...

अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें ....
मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है
क्या नाम दें ??


बहुत ही कोमल भाव, शुभकामनाएं.

रामराम.

पद्म सिंह said...

बहुत खूबसूरत ... वाह

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बिना नाम दिए
जो नाता हो
और अपने मन को
भाता हो
एहसास की
कोमल दूब पर जैसे
शबनम का
गीलापन आता हो
इस जज़्बात को कोई
नाम न दो ....


बहुत भाव प्रवण रचना ....सारे एहसास मन तक पहुंचे ..

प्रवीण पाण्डेय said...

भावों का कोमल रिश्ता, क्या नाम देंगे?

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

किसी नाम का मोहताज नहीं है
अहसासों का इक बंधन...
और इस बंधन को खूबसूरत अल्फ़ाज़ में पिरोने का फ़न...
इस दिल को छूने वाली रचना के लिए मुबारकबाद.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बढ़िया भाव भरी रचना!

JOBS WORLD said...

बहुत सुंदर रचना.ऐसी रचनाएं साहित्य की प्यास बुझाती हैं।

डॉ. मनोज मिश्र said...

@इस रिश्ते का
कोई नाम नहीं
मगर दुआओं का
हिस्सा-नाता है
भला- बुरा
सब सच्चा लगे
जब कोई मन से
मन को भाता है ..
बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

अंतस को दुलराती एक कोमल रचना!!

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति,आभार

kshama said...

मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है
क्या नाम दें ??
Bahut nafees,bhavuk rachana!

बाल भवन जबलपुर said...

अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें
ये अदभुत है

Yashwant R. B. Mathur said...

"मन में मख़मल सा
अहसास लगे
दुरी मीलों की फिर भी
हर पल दिल को
दिल के पास लगे .."

सच कह रहीं हैं ....मन से मन के रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया जा सकता ......जब दिल पास हों तो ये मीलों की दूरियां खत्म हो जाती हैं.

बार बार पढ़ने को मजबूर करती बहुत ही प्यारी कविता.

सादर

Arvind Mishra said...

सुन्दर भावपूर्ण कविता -प्यार को प्यार ही रहने दें इसे कोई नाम न दें ! :)

डॉ. मोनिका शर्मा said...

इस रिश्ते का
कोई नाम नहीं
मगर दुआओं का
हिस्सा-नाता है
भला- बुरा
सब सच्चा लगे
जब कोई मन से
मन को भाता है

बिल्कुल सही...... अंतर्मन के अहसास लिए एक भावप्रवण रचना .....

SACCHAI said...

अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें ....
मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है
क्या नाम दें ??

..ek sarwang sunder rachana ..jo aheshash ki anubhuti karwati hai ..badhai is sunder rachana ke liye

---- eksacchai { aawaz }

http://eksacchai.blogspot.com

Rajesh Kumar 'Nachiketa' said...

रिश्तों को नाम न दें तो कैसा रहे....

PRIYANKA RATHORE said...

bhut khoob....

प्रतिभा सक्सेना said...

अनाम रिश्ते कभी बासी नहीं होते क्योंकि किसी नाम में बँध कर नहीं रह जाते !

पूनम श्रीवास्तव said...

rani ji
xhma kijiyega bahut dino baad aapke blog par aai hun kuchh swasthy ke theek na hone se.
bahut hi behatreen v gahre ahsaaso se bhari aapki kavita behad pasand aai .
aapne bilkul sach likha hai jo dil se juda hota hai vo paas rahe ya duur uske har sukh -dukh har lamhe ka ahsaas dono ko hi hota hai.bahut shandaar tareeke se aapne in jajbaato ko abhvyakt kiya hai .
bahut bahut badhai
poonam

संजय भास्‍कर said...

आदरणीय रानी दीदी
बहुत नाज़ुक एहसास की खूबसूरत प्रस्तुति
खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही खुबसुरती से गढ़ा है भावों को...लाजवाब....बहुत ही सुंदर।

Vijuy Ronjan said...

अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें ....
मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है
क्या नाम दें ??
Bahut khoob...bahut accha likha hai aapne.main itna hi kah sakta hun...

Man se man ke naate ka koyi naam nahi hota,
iss azeeb se rishte ka koyi aayam nahi hota,
ye anubhuti bahut hi varal hai kisi kisi ko milti hai,
jisko milti uske liye iska koyi daam nahi hota.

vijay kumar sappatti said...

bahut dino ke baad aa raha hoon ,. sorry ji ..

aapne bahut accha likha hai , man ko choo gayi ..


badhayi sweekar kare..

---------

मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .
आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.
"""" इस कविता का लिंक है ::::
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html

Patali-The-Village said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति| धन्यवाद|

अनामिका की सदायें ...... said...

seedhi man par asar chhodti rachna.

rajesh singh kshatri said...

आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

mridula pradhan said...

न कहे कभी
पर दिल के गीले
शब्द सुनाई देते है
bahut sundar kavita.

Yashwant R. B. Mathur said...

आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.

सादर

ज्योति सिंह said...

इस रिश्ते का
कोई नाम नहीं
मगर दुआओं का
हिस्सा-नाता है
भला- बुरा
सब सच्चा लगे
जब कोई मन से
मन को भाता है


अनुभूतियों के
कोमल धागे को
और कितने
नए आयाम दें ....
मन से मन के
इस नाते को
मन सोचता है
क्या नाम दें ?
bahut hi komal bhav ,sundar rachna .
holi ki bahut bahut badhai aapko .

Urmi said...

बहुत सुन्दर कविता लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!