Tuesday, October 5, 2010
किसी का दर्द जो समझे...........रानीविशाल
किसी का दर्द जो समझे, वही इंसान होता है
दिलों में प्यार हो जिस दर, वहीँ भगवान होता है
मिलती है नसीबों से, खुदा की ये इनायत है
हर दिल में महोब्बत का, छुपा आरमान होता है
उसी की राह में पलकें, बिछाए हम तो रहते है
बड़ी मुश्किल से वो दिलबर, मेहरबान होता है
मिल जाता है यादों में, वो खोया प्यार का मंज़र
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
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39 comments:
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
-यही इस जीवन का दर्शन है..उम्दा!!
मिल जाता है यादों में, वो खोया प्यार का मंज़र
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है...
गोया कि तन्हाई भी जरुरी है उसके करीब जाने को ...
किसी के दर्द को जो समझे वही इंसान है ..बिलकुल
दुनिया में हर इंसान मेहमान है ...जीवन का या फलसफा ही तो महान है ...
बहुत बढ़िया ...!
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
हर शब्द में गहराई,
...... दुनिया का कटु शाश्वत वास्तविक सत्य ..
रानी जी, हर एक छंद लाजवाब और गहरी सम्वेदना लिए हुए है... बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति!!
अच्छी रचना .सुंदर अभिव्यक्ति . मुझे भी कुछ लिखने की प्रेरणा मिल गयी-
'इंसानियत को जाने वही इंसान होता है
फिर भी न जाने क्यों इतना नादान होता है !
जिंदगी तो गुजरती है हर पल ज़मीन पर ,
अपनी जड़ों से दूर क्यों आसमान होता है !
Rani jee..........jeevan darshan ka khubshruat chitran!!
aap achchha likhte ho!!
god bless
उम्दा सुंदर अभिव्यक्ति...
मिल जाता है यादों में, वो खोया प्यार का मंज़र
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है
बहुत खूबसूरत ...यादें नहो तो जीने का जज़्बा कहाँ से आये ...
मिल जाता है यादों में, वो खोया प्यार का मंज़र
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है
बहुत ही खूबसूरत भावाभिव्यक्ति है रानी जी ! आप बहुत सुन्दर लिखती हैं ! बधाई एवं शुभकामनाएं !
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है....vaah...bahut badhiya philosphy.
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति हैँ। जीवनदर्शन प्रस्तुति से ओत-प्रोत गजल के लिए बहुत-बहुत आभार। -: VISIT MY BLOG :- जमीँ पे है चाँद छुपा हुआ।..........कविता का अवलोकन करने के लिए आप आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती हैँ।
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
--
बहुत ही अच्छा सन्देश देती हुई रचना है!
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
वाह , कितनी सही बात कही है ।
दुनिया में हर इंसा बस मेहमान होता है।
जीवन के एकमात्र सत्य को आपने अपनी ग़ज़ल में बखू़बी पिरोया है।
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
वाह जी बहुत सुंदर निचोड निकाला आप ने इस जिन्दगी का.... बहुत खुब, धन्यवाद
Pranam
uttam rachana
वाह, बहुत सुन्दर.
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
claasic ..bahut hi badhiya khasker ye line aur starting ki lines se aapne dard +insaniyat+sacchai ko jis tarha se pesh kiya hai vo kabile tarif hai ...
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
सहज सरल लाईनों में एक शाश्वत बोध ...कविता ऐसी ही होनी चाहहिये जो दिल में ऐसे ही सहजता से उतरती जाय
"मिलजाता है यादों में -----बस महमान होता है "
दिल की गहराई से लिखा है |बधाई
आशा
इसमें जीवन का दर्शन है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
मध्यकालीन भारत-धार्मिक सहनशीलता का काल (भाग-२), राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
किसी का दर्द जो समझे, वही इंसान होता है
दिलों में प्यार हो जिस दर, वहीँ भगवान होता है
मिलती है नसीबों से, खुदा की ये इनायत है
हर दिल में महोब्बत का, छुपा आरमान होता है
बहुत ही सुन्दर .........बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
...पूरे जीवन का सार ही समेट दिया..बधाई.
__________________________
"शब्द-शिखर' पर जयंती पर दुर्गा भाभी का पुनीत स्मरण...
.
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
बहुत दार्शनिक पंक्तियाँ.
behtarin rachna..
behad shandaar man tak pahunche ke dam kham ke sath.
badhai
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
ज़िन्दगी की सच्चाइयों से रु-ब-रु करवाती बेहतरीन गज़ल्।
किसी का दर्द जो समझे, वही इंसान होता है
दिलों में प्यार हो जिस दर, वहीँ भगवान होता है ...
सच कहा .. प्यार के बिना हर दर सूखी लकड़ी के समान होता है .. जहाँ पुआर होता है वहाँ ईश्वर का वास होता है ... अच्छा लिखा है बहुत ...
Rani ji,
Bahut achchhi aur prerak abhivyakti----jivan kee sarthakta ke liye ek achchha sandesh diya hai apne is rachna men.
Shubhkamnayen.
Poonam
इंसान बस होता है मेहमान ।
''दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है '' सच है --बस कुछ पल सुख दुःख के बिता कर वहीँ चले जाना है जहाँ से हम आये थे.ये बात और है कि किसी के ये पल बहुत जल्दी बीत जाते हैं और कोई बहुत लम्बे समय तक मेहमां बना रहता है पर जाना तो अंततः सभी को है.
आप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
उसी की राह में पलकें, बिछाए हम तो रहते है
बड़ी मुश्किल से वो दिलबर, मेहरबान होता है
अच्छा है....
मिल जाता है यादों में, वो खोया प्यार का मंज़र
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है
बहुत खूब...
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है...
मक़ता इंसानियत के लिए बेशकीमती मश्वरा है...
अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई.
bahot sunder likhi hain aap.
behatreen rachna...sundar abhiwyakti...
mere blog mein is baar...
सुनहरी यादें ....
मिल जाता है यादों में, वो खोया प्यार का मंज़र
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है
Bahut khoob Ranijee. sunder prastuti.
सही कहा, चार दिन की ज़िन्दगी,हर इन्सान मेहमान है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
साहित्यकार-6
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
चार दिन है ज़िन्दगी "रानी" प्यार करने को
दुनिया में हर इनसां, बस मेहमान होता है
behtreen panktiya, but this is reality
rani ji vakayi aap kavita ki rani hain bahut der kar di yahan aate aate badhai
तनहाई का भी इस दिल पर, बड़ा अहसान होता है !
सच...!
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