आज भी जब कभी
फांस की सी
चुभन हो मन में
या पनप उठा हो
कष्ट कोई तन में
बात कोई दिल की
बताना किसी को चाहूँ
या दिल करे जी भर कर
किसी को आज मैं सताऊं
ये ख़्याल आते ही मन में
सहसा उठती है अचानक
यादों की लहर ......
फिर रह रह कर
मेरे दिल को
तुम याद आती हो 'माँ'
और याद आती है
तुम्हारी वो डांट फटकार
तब ना जानती थी मैं
कि इसमे भी छुपा है
अतुल्य प्यार तुम्हारा
नाज़ुक क्षणों में जब तुम
ढाढस बंधाती
नित्य दुनियादारी का
पाठ सिखाती
कभी कभी बातों ही बातों
में कही खो जाया करती
मेरे बड़े होकर
पराए घर जाने के ख़्याल से.....
अब याद आता है
बच्चों कि चिंता में
कैसे तुम नीदें गवाती थी !
बची कुची शाक दे हमें
तुम नमक मिर्ची से भी
कभी रोटी खाती थी
आज पकवानों में भी नहीं
वो स्वाद जो तवे पर बनाकर
बेसन दिया करती थी तुम
सब्जियों के आभाव में.....
रहे ज़माने कि तपिश से
बेखबर सदा
हम तुम्हारी
ममता कि छाँव में...
अक्सर ये ज़मीनी दूरियाँ
तुम्हारे मुझसे दूर होने का
अहसास दिलाती है
लेकिन मेरी 'माई' तो
सदा मुझमे समाती है !!
हर विचार, व्यवहार, संस्कार
तुम्हारा ही उपहार है.....
तुम्हारा दिया ज्ञान ही
जीवन का आधार है
सब कहते है
यही कि मैंने
तुम्हारी छवि पाई है
इसीलिए प्रतिपल
मेरे पास मेरी 'माई' है !!!
आज मदर्स डे नहीं लेकिन माँ तो माँ है और माँ कि याद भी माँ की तरह ही प्यारी होती है ....बच्चों को अकेला महसूस करते ही आजाती है और समेट लेती है हमें अपनी ममतामयी यादों के आचँल में और कर देती है जीवन में नए उत्साह का प्रवाह .....कभी कभी ऐसे ही भावों में प्रवाहित मन से कुछ बोल फुट पड़ते है और धर लेते है रूप कविता का....आज भी कुछ ऐसा ही हुआ.
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31 comments:
मां की याद तो मन में बसी है ,सुंदर रचना ।
माँ का क्या है ...उसे याद करने के लिए किसी खास दिन की जरुरत कहाँ है ...
ठोकर लगते ही ईश्वर से पहले
जुबान पर उसका नाम आता है ...!
माई तो हमेशा याद आती हैं।
हर दिन मदर्स डे होता है।
आभार
सुन्दर ममतामयी रचना ।
न माँ तो माँ है और माँ कि याद भी माँ की तरह ही प्यारी होती है
सच कहा///पढ़ते पढ़ते माँ की याद हो आई..अँख नम हो गई.
हर विचार, व्यवहार, संस्कार
तुम्हारा ही उपहार है.....
तुम्हारा दिया ज्ञान ही
जीवन का आधार है
बिल्कुल सही कहा आप ने ,
बहुत ही हृदयस्पर्शी कविता है ,
ये प्यार ,ममता, स्नेह,अपनी तकलीफ़ों को मां से बांटने का सुख ख़ुशनसीबों को मिलता है
ख़ुदा आप पर हमेशा उन का साया बनाए रखे और आप उन की ममता और आशीर्वाद को सहेजती रहें ,आमीन , अल्लाह से यही दिली दुआ है हमारी
माँ तो माँ ही है! इस दुनियां में माँ का कोई विकल्प नहीं है !
इतनी सुदर अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
तुम याद आती हो 'माँ'
और याद आती है
तुम्हारी वो डांट फटकार
तब ना जानती थी मैं
कि इसमे भी छुपा है
अतुल्य प्यार तुम्हारा
वास्तव में माँ की ममता का कोई मोल नहीं है.आपने ठीक ही लिखा है की याद करने के लिए कोई एक दिन ही क्यों,अपनों को कभी भी याद किया जा सकता है.
बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति.
ममतामयी माँ को प्रणाम!
Maa kee yaad to kabhi dil se jati nahi .bahut pyaari kavita.
हर विचार, व्यवहार, संस्कार
तुम्हारा ही उपहार है.....
तुम्हारा दिया ज्ञान ही
जीवन का आधार है
सब कहते है
यही कि मैंने
तुम्हारी छवि पाई है
इसीलिए प्रतिपल
मेरे पास मेरी 'माई' है !!!
किसी के भी दिल को छूने वाला...
और कुछ की आंखों को नम भी करने वाला...
अब तक की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में से एक कलाम.
maa par likhi gayee sundar rachna....aabhaar
maayi to maayi hoti hai..aapne maa ke liye itni sundar kavita likhi bahut achcha laga
मां की याद को समर्पित यह रचना बहुत ही संवेदनशील है। नमन उनको।
माँ की याद किसी भी दिन को मदर्स बनाने में सक्षम होती है।
जिस दिन भी माँ को याद करो वो ही मदर्स डे है।
बहुत ही भावुक रचना है, पढते पढते जाने कितने सालों पीछे खींच ले गई ये रचना, शुभकामनाएं.
रामराम
एक स्नेहाभिव्यक्ति ,एक पूजा भाव माँ के खातिर
मैं तो इस तरह के कोई भी डे नहीं मनाता... माँ को याद करने के लिए किसी डे की आवश्यकता नहीं और फिर हर डे मेरे विचार में मदर्स डे है!! बहुत अच्छे उद्गार!!
हर विचार, व्यवहार, संस्कार
तुम्हारा ही उपहार है.....
तुम्हारा दिया ज्ञान ही
जीवन का आधार है
सब कहते है
यही कि मैंने
तुम्हारी छवि पाई है
इसीलिए प्रतिपल
मेरे पास मेरी 'माई' है !!!
माँ की याद तो हमेशा बेटी के मन मे बसी रहती है और उसके त्याग, ममता की छाँव ही जीवन का आधार बनती है। सुन्दर रचना के लिये बधाई।
रानी जी माँ की ममता का कोई मूल्यांकन नहीं किया जा सकता ...
माँ को इस रूप में याद करना व् उन्हें सम्मान देना आपको सम्मान दिलाता है ....
दुआ है आपको यूँ ही माँ का आशीर्वाद मिलता रहे .....!!
हर दिन मदर्स डे होता है।
माँ को याद करने के लिए किसी मदर्स डे की जरुरत नहीं है.
बहुत प्यारी पोस्ट.
माँ तो बस माँ है
Maa to har pal yaad aatee hai...Mother's Day adi to western culture kee den hai.
Bahut sundar rachana...meree ankhen nam ho gayeen...
बहुत ही सुन्दर रचना! बचपन और मां का प्यार सब के तन मन में बसा होता है. उस प्यार को बहुत अच्छी तऱ्ह व्यक्त किया है आपने.
sach kaha rani ji.. Maa to maa hai.. Aur maa se badhkar kuch bhi nahi..
sach kaha rani ji.. Maa to maa hai.. Aur maa se badhkar kuch bhi nahi..
रानी जी ,
मैं कई बार आप की ये नज़्म पढ़ चुकी हूं ,पता
नहीं क्या है इस रचना में जो मुझे खींच लाता है
शायद सहजता से प्रकट किये गए आप के भाव हैं या इस शब्द और रिश्ते का आकर्षण
रहे ज़माने कि तपिश से
बेखबर सदा
हम तुम्हारी
ममता कि छाँव में...
अक्सर ये ज़मीनी दूरियाँ
तुम्हारे मुझसे दूर होने का
अहसास दिलाती है
लेकिन मेरी 'माई' तो
सदा मुझमे समाती है !!
Bahut achhe Rani !!!
Mai ka photo bada achha lag raha hai :)
Very Niceeeeee Post our team Like this
Thanks
Team Loan NCR
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