Wednesday, November 3, 2010

उल्फ़त के दीप दिल में जलाओ तो बात है--------------रानीविशाल

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रोशन है कायनात दीवाली की रात है
उल्फ़त के दीप दिल में जलाओ तो बात है

नफ़रत की आग दिल में, जलाकर मिलेगा क्या
रोशन महल उन्हीं के हैं, जिनकी बिसात है

जगमग है एक ओर महल, और इक तरफ़
कुछ घर के दियों को तो अंधेरों से मात है

त्यौहार अधूरे से हैं, खुशियां हैं अधूरी
अपनों से अपने पास हों तो कोई बात है

दिल की तिजोरियों में रहे, प्यार की दौलत
बढ़ती है बाँट कर बहुत, ये वो सौग़ात है

जलने लगे उल्फ़त के दीये,
अमन के चिराग़
तब मान लीजिये कि, दीवाली की रात है

चाहत बुलंदियों की, कहां लेके आ गई
मुश्किल सफ़र है 'रानी' और कोई न साथ है


47 comments:

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही सुंदर लिखा है आपने.... दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें

Anonymous said...

बहुत ही सुन्दर कविता...आपको दिवाली की शुभकामनाएं...मेरी रचनाओं को भी आपका इंतज़ार है...

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

Sundar gazal,
DIPAWALI ki hardik shubh kamnayen.

Girish Kumar Billore said...

Suna hai aap ab blagars se nahee baat karanaa chahatee bahar haal jo bhee ho
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

कविता रावत said...

बहुत ही सुंदर कविता.....दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

दिगम्बर नासवा said...

त्यौहार अधूरे से हैं, खुशियां हैं अधूरी
अपनों से अपने पास हों तो कोई बात है

बहुत खूब .. सच है असली त्यौहार तो तभी होते हसीन जब अपने साथ होते हैं ...... खूबसूरत एहसास ......
आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ....

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

chahat bulandiyon ki kahan leke aa gayi
mushkil safar hai rani koi na saath hai
achchha sher hai
shubh diwali

nilesh mathur said...

वाह क्या बात है!
दीपावली की ढेर सारी शुभकामना!

उस्ताद जी said...

5.5/10

त्यौहार अधूरे से हैं, खुशियां हैं अधूरी
अपनों से अपने पास हों तो कोई बात है

प्रकाश-पर्व पर यह रचना वाकई रौशनी दे रही है. सहज शब्दों से सजी यह रचना अच्छी लगी.

राजभाषा हिंदी said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई! राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
राजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब!

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर रचना जी धन्यवाद आप को भी दिवाली की शुभकामनाएं.

shikha varshney said...

सुन्दर लिखा है आपने .दिवाली की ढेरों शुभकामनायें.

Yashwant R. B. Mathur said...

"नफ़रत की आग दिल में, जलाकर मिलेगा क्या
रोशन महल उन्हीं के हैं, जिनकी बिसात है"

बिलकुल सही बात कही है आपने.

आपको सपरिवार व आप के सभी मित्रों को दीपावली की शुभ कामनाएं.

vandana gupta said...

जलने लगे उल्फ़त के दीये, अमन के चिराग़
तब मान लीजिये कि, दीवाली की रात है
बिल्कुल सही कहा।
दीप पर्व की हार्दिक बधाई।

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

त्यौहार अधूरे से हैं, खुशियां हैं अधूरी
अपनों से अपने पास हों तो कोई बात है
रानी साहिबा, सच कहा आपने
त्यौहार का आनन्द अपनों के साथ ही खुशियां देता है.
जलने लगें उल्फ़त के दीये, अमन के चिराग़
तब मान लीजिये कि, दीवाली की रात है
व्यापक संदेश देता शेर...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर रचना!
--
आपको और आपके परिवार को
ज्योतिपर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

डॉ टी एस दराल said...

दिल की तिजोरियों में रहे, प्यार की दौलत
बढ़ती है बाँट कर बहुत, ये वो सौग़ात है

बहुत सुन्दर लिखा है ।
दीपवाली की हार्दिक शुभकानाएं ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

नफ़रत की आग दिल में, जलाकर मिलेगा क्या
रोशन महल उन्हीं के हैं, जिनकी बिसात है

जगमग है एक ओर महल, और इक तरफ़
कुछ घर के दियों को तो अंधेरों से मात

बहुत खूबसूरत रचना ....अच्छा सन्देश देती हुयी

दीपावली की शुभकामनायें ...

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर रचना, त्योहार की शुभकामनायें।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति..

वन्दना अवस्थी दुबे said...

त्यौहार अधूरे से हैं, खुशियां हैं अधूरी
अपनों से अपने पास हों तो कोई बात है
बहुत खूब. इतनी खूबसूरत रचना पढवाने के लिये धन्यवाद. दीपावली की अनेक शुभकामनाएं.

Swarajya karun said...

अच्छी रचना, सुंदर प्रस्तुति . दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .

शिवम् मिश्रा said...


बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !

आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

Udan Tashtari said...

बहुत सुन्दर!!



सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल 'समीर'

Shah Nawaz said...

बेहद खूबसूरत कविता...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!

तिलक राज कपूर said...

मैनें शायद आपकी पहली ग़़ज़़ल पढ़ी है जो पहली जैसी नहीं लगती। बहुत खूबसूरत है।
ग़़ज़़ल में जब आदमी स्‍वयं से निकल कर सार्वजनिक सरोकार कहने लगता है तब शायद वह स्‍वयं को सृजन के महत्‍व को समझने योग्‍य मान सकता है।
जलने लगे उल्फ़त के दीये, अमन के चिराग़
तब मान लीजिये कि, दीवाली की रात
बहुत खूबसूरत बात कही आपने। बधाई।

दीपोत्‍सव पर आपको व आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें।

Manish aka Manu Majaal said...

इतनी सारी टिप्पणियाँ आ गयी है जब,
फिर अकेले हुए कैसे ? ये क्या बात है ?
दीपावली मानाइये, ख़ुशी ख़ुशी आप,
ऊपर वाले से हमारी यही दरख्वास्त है...

लिखते रहिये ....

sandhyagupta said...

जलने लगे उल्फ़त के दीये, अमन के चिराग़
तब मान लीजिये कि, दीवाली की रात है

बहुत खूब लिखा है.सार्थक अभिव्यक्ति.
प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

अनुपमा पाठक said...

sundar rachna!
deepotsav ki shubhkamnayen!

जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauhar said...

रानी जी,
इस ग़ज़ल का मत्‌अला सर्वाधिक पसंद आया-

"रोशन है कायनात दीवाली की रात है
उल्फ़त के दीप दिल में जलाओ तो बात है"

आपको बधाई...!

Chinmayee said...

दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें...

----------
मेरा पोर्ट्रेट ......My portrait

Kailash Sharma said...

जगमग है एक ओर महल, और इक तरफ़
कुछ घर के दियों को तो अंधेरों से मात है
...
बहुत ही खूबसूरत गज़ल..मन को छूनेवाले भाव...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं

Unknown said...

दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!

RockStar said...

wish u a happy diwali and happy new year

वन्दना अवस्थी दुबे said...

दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.

दिनेश शर्मा said...

सुन्दर कृति के लिए साधुवाद । दीपोत्सव पर शुभकामनाएं।

girish pankaj said...

achchhe sher bane hain,badhai aapko. isi tarah ka lekhan blog-jagat ko shikhar tak le ja sakata hai.

Sunil Kumar said...

त्यौहार अधूरे से हैं, खुशियां हैं अधूरी
अपनों से अपने पास हों तो कोई बात
बहुत ही सुंदर ,दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

हरकीरत ' हीर' said...

"रोशन है कायनात दीवाली की रात है
उल्फ़त के दीप दिल में जलाओ तो बात है"
वाह बहुत खूब ....!!
आपके शे'र को पढ़कर उस गीत की पंक्तियाँ याद आ गई .....
कहने वाले तू भी कह जा , जो दिल की बात है .....

Ashish (Ashu) said...

दीपावली का त्यौहार आप, सभी मित्र जनो को परिवार को एवम् मित्रो को सुख,खुशी,सफलता एवम स्वस्थता का योग प्रदान करे - इसी शुभकामनओ के साथ हार्दिक बधाई। - आशू एवम परिवार
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Ashish (Ashu)

rajesh singh kshatri said...

दीपावली की शुभकामनायें ...

डॉ० डंडा लखनवी said...

सराहनीय लेखन....हेतु बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
मंगलमय हो आपको, सदा ज्योति का पर्व॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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Anonymous said...

अपनों से अपने पास हों तो कोई बात !!!
दिवाली पर बहुत सुंदर है ये कविता ! त्योहारों में अपने बेहद याद आते हैं ! अनंत शुभकामनायें !!!!

निर्मला कपिला said...

देर बाद आयी लेकिन रचना का भरपूर आनन्द उठाया। बधाई सुन्दर रचना के लिये।

Kunwar Kusumesh said...

"रोशन है कायनात दीवाली की रात है
उल्फ़त के दीप दिल में जलाओ तो बात है"
वाह क्या मत्ला है.
आप तो बहुत अच्छी ग़ज़ल कह लेती हैं.देर से आपके ब्लॉग को देख पाया अतः देर से ही सही "दीपावली की बधाई".

कुँवर कुसुमेश
ब्लॉग:kunwarkusumesh.blogspot.com

mridula pradhan said...

khoobsurat rachna.

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

रानी विशाल जी ,
आपकी ग़ज़ल में मानवीय संवेदना के भाव बड़ी ही प्रभावी रूप में अंकुरित हुए हैं !
दीपावली पर इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है !
दीपावली की अनंत शुभकामनायें!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ