हेलो हेलो ज़रा फ़ोन लगाना
याद मुझे आते है नाना
नानी, मामा और है भैया
छोटे से गावं ठौड़ की छैया
हेलो हेलो ज़रा फ़ोन लगाना
याद मुझे आते है नाना ...
मेले में जो झूले आए
मामाजी ने खुब झूलाए
खैल खिलोने , गली महल्ला
पकड़म पाटी, हल्ला गुल्ला
हेलो हेलो ज़रा फ़ोन लगाना
याद मुझे आते है नाना ...
याद मुझे आते है नाना ...
नानाजी तो सैर कराए
नानी माखन मिश्री खिलाए
मामी , मामा , छोटा भैया
खूब शरारती बड़ा लड़ैया
नानी माखन मिश्री खिलाए
मामी , मामा , छोटा भैया
खूब शरारती बड़ा लड़ैया
हेलो हेलो ज़रा फ़ोन लगाना
याद मुझे आते है नाना ...
15 comments:
अरे वाह...
आपकी रचना तो कमाल की है..:)
दोनों ही....अनुष्का और कविता...
अनुष्का बिटिया बहुत बहुत बहुत ही प्यारी है....उसे ढेरों प्यार दुलार और आशीर्वाद...
अनुष्का को आशीष!!
बहुत बढ़िया.
BAHUT ACCHA LAGA YE BAL KAVITA , AUR ANUSHKA KO DHER SARI BADHAI
बहुत प्यारी है अनुष्का बिटिया!
शुभाशीर्वाद के साथ-
किलकारी की गूँज सुनाती,
परिवारों को यही बसाती।
नारी नर की खान रही है,
जन-जन का अरमान रही है।
बिटिया की महिमा अनन्त है,
इससे ही घर में बसन्त है।
बहुत प्यारी रचना!
बहुत आशीष!!
आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आयी हूँ | प्यारी अनुष्का और आपकी कविता दोनों ही दिल में बस गयीं | मेरी रचना की सराहना के लिए धन्यवाद | आशा है अब ब्लॉग पर आपसे मुलाकातें जल्दी-जल्दी होंगी |
http://sudhinama.blogspot.com
जितनी प्यारी आपकी कविता उतनी ही प्यारी आपकी बिटिया ...
लाजवाब लिखा है आपने ।
बच्चों की शिकायतो का एक अच्छा समाधान आपने बता दिया है, नवीन प्रयास के लिए बधाई।
अनुष्का को प्यार और जब फोन लगाए तब नाना को आवश्यक रूप से मेरा प्रणाम कहना।
बहुत प्यारी है अनुष्का बिटिया!
शुभाशीर्वाद
बहुत खूब आपकी ये बाल कविता और आपकी नन्ही बिटिया को ढेर सारा आशिर्वाद ।
पहली बार देख रहा हूँ ब्लॉग ! सुन्दर बाल-रचना प्रस्तुत की है आपने ।
अनुष्का तो बहुत ही प्यारी है ! धन्यवाद ।
अनुष्का और कविता देनो ही सुन्दर हैं
रानी जी आदाब
इतनी प्यारी बिटिया है
पोयम तो बेहतरीन होनी ही है
बधाई
है विशाल जिसका हिया रचना करे कमाल.
रानी के संसार में, राजा करे धमाल.
मन को मोहे अनुष्का, कविता ले दिल जीत.
नेह नर्मदा नित 'सलिल', गए प्रीत के गीत..
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
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